रिसेप्शनिस्ट का करियर आसान नहीं है


जब कभी हम होटल या अन्य किसी कार्यालय में रिसेप्शनिस्ट को आगंतुकों से बात करते हुए देखते हैं तो लगता है इनका कार्य बहुत आसान है। आगंतुक का स्वागत करना या टेलीफोन पर बात करना बहुत सरल कार्य है किन्तु वास्तव में यह इतना सरल नहीं है। इस कार्य की अपनी आवश्यकताएं और तनाव हैं। आइए जानें क्या जरूरी है, इस करियर के लिए:-



  • रिसेप्शनिस्ट का पहनावा शालीन होना चाहिए। रिसेप्शनिस्ट को कभी भड़कीले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। मौसम को ध्यान में रखते हुए वस्त्रों और रंगों का चयन कर कपड़े पहनने चाहिए।

  • अपने समय को समायोजित करना आना चाहिए क्योंकि अधिकतर दफ्तरों, नर्सिग होम्स और होटलों में इन्हें कई आगंतुकों का स्वागत करना होता है। इसलिए समय को इधर उधर की बातों पर बर्बाद न कर काम और आगंतुकों का स्वागत करने में लगाना चाहिए।

  • रिसेप्शनिस्ट को आगंतुक का उचित मार्ग निर्देशन करना आना चाहिए।

  • अपने बालों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। बाल चिपचिपे और तैलीय नहीं होने चाहिए। बालों को उचित रूप से पिनअप करें या बांध कर रखें क्योंकि खुले हुए बाल काम करने में बाधा डाल सकते हैं।

  • पोशाक से मेल खाते जूते पहनें। अधिक आवाज देने वाले जूते न पहनें।

  • अगर आप स्लीवलेस या कोई ऐसी पोशाक पहन रही हैं जिसमें आपको वैक्सिंग की आवश्यकता हो तो वैक्सिंग करवाने के पश्चात् वैसी पोशाक पहनें।




  • बदलती हुई प्रवृत्तियों पर नजर रखें। ऐसा न हो कि आप समय से पीछे चलें और आपको पिछड़ा हुआ माना जाए। इतने आधुनिक न बनें कि लोग आपका फायदा उठाने में हिचकें नहीं।

  • बोलते समय भाषा पर संयम रखकर आगंतुकों से बात करें। आवश्यकता से अधिक बोलना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

  • आगंतुकों का मुस्कुरा कर स्वागत करें। जितनी मदद आप कर सकते हैं, उतनी करें।

  • टेलीफोन पर संक्षिप्त रहें पर बात को स्पष्ट रूप से समझाने की क्षमता रखें।

  • उठते बैठते समय चुस्ती से उठें। इस व्यवसाय में ढीला व्यक्तित्व ठीक नहीं होता। यह आगंतुक पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

  • श्रंृगार हल्का करना चाहिए। भड़कीला श्रंृगार व्यक्तित्व को निखारने की बजाए खराब लगता है।

  • क्वालिटी का हल्की महक का परफ्यूम प्रयोग में लाएं। यदि पसीना अधिक आता हो तो डियो लगाना न भूलें।

  • आगंतुक के सामने सहन शीलता से बात करें।

  • अपने कान और आंख तेज रखें ताकि सब स्पष्ट देख और सुन सकें।

  • हिन्दी, अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर बोलने और लिखने का पूरा कमांड होना चाहिए ताकि आगंतुक की बात समझ सकें और उनको अपनी बात समझा सकें।