अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु का पर्याय है हास्य



बेकन ने कहा है कि व्यक्ति का हँसमुख स्वभाव दीर्घायु का एक सर्वोत्तम साधन है। आधुनिक वैज्ञानिक शोधों से भी इस तथ्य की पुष्टि होती है कि हँसी से न केवल रोग-मुक्ति तथा अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति संभव है अपितु अधिक हँसने वाले व्यक्ति अपेक्षाकृत दीर्घायु भी होते हैं। इससे सिद्ध होता है कि हम जितना ज़्यादा हँसेंगे, उतनी ही लंबी उम्र पा सकेंगे और वो भी अच्छे स्वास्थ्य के साथ।



हँसना एक संपूर्ण व्यायाम है जिससे शरीर की सभी नाड़ियाँ खुलती हैं तथा शरीर की थकावट दूर होकर ताज़गी उत्पन्न होती है। खुलकर हँसने से फेफड़ों, गले और मुँह की अच्छी कसरत हो जाती है। पेट एवं छाती के स्नायु मजबूत होते हैं। डायफ्राम मज़बूत होता है तथा इससे मुँह, गले तथा फेफड़ों संबंधी व्याधियों के उपचार में मदद मिलती है। हँसने से रक्त संचार की गति तीव्र होती है जिससे खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है।
इस पूरी प्रक्रिया से चेहरे पर रौनक़ आ जाती है। जो जितना अधिक हँसता-हँसाता है उसका चेहरा उतना ही अधिक दमकता है। शरीर में जितनी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन का अवशोषण होता है उतनी ही अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है और जितनी अधिक ऊर्जा उत्पन्न होगी हम उतने ही अधिक स्वस्थ तथा रोगमुक्त होंगे। इस प्रकार हास्य जीवन का उपचारक एवं पोषक तत्व हैं और इसे जीवन का रस कहा जा सकता है।




हास्य द्वारा हमारे शरीर की जीव-रासायनिक संरचना में भी परिवर्तन आता है। हँसने से तनाव उत्पन्न करने वाले हार्मोन कार्टिसोल तथा एपिनप्राइन के स्तर में कमी आती है जिससे शरीर तनावमुक्त हो जाता है और तनाव मुक्ति का अर्थ है स्वास्थ्य। इसके अतिरिक्त हँसने से शरीर में एण्डोर्फिन नामक हार्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है जो शरीर के लिए स्वाभाविक रूप से दर्द निवारक और रोग अवरोधक का काम करता है। कहने का तात्पर्य यह है कि हँसने से शरीर के लिए उपयोगी हार्मोंस का उत्सर्जन प्रारंभ हो जाता है जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है इस प्रकार हँसना रोग-मुक्ति, अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक और पर्याय है।



 जो लोग जितने गंभीर बने रहते हैं उतने ही ज़्यादा उम्र के दिखते हैं और उसी के अनुसार उनका उत्साह भी मंद पड़ता जाता है। हास्य ही एकमात्र औषधि है जो बाह्य रूप से आपके चेहरे की झुर्रियों को रोकने में सक्षम है तथा आंतरिक रूप से आपको उत्साहपूर्ण बनाए रखने में।
हास्य व्यायाम के साथ-साथ बुढ़ापे के लिए एक उत्तम टॉनिक है अतः हँसते रहिये और बुढ़ापे को सदा के लिए अलविदा कह दीजिए। इस प्रकार हँसी का संबंध न केवल आरोग्य और दीर्घायु से है अपितु बुढ़ापा रोकने में भी हास्य की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।